ab kya hota hai pachhtane se
तनको मलमल धोया रे और मनका मैल न धोया
अब क्या होत है पछताने से वृथा जनम को खोया रे
अब क्या होत है पछताने से वृथा जनम को खोया रे
भक्ति पनका करे दिखावा तूने रंगा चदरिया ओढ़कर
छल कपट की काली कमाई संग ले जाएगा क्या ढोकर
वही तू काटेगा रे बंदे तूने है जो बोया रे
तनको मलमल धोया रे…
छल कपट की काली कमाई संग ले जाएगा क्या ढोकर
वही तू काटेगा रे बंदे तूने है जो बोया रे
तनको मलमल धोया रे…
सत्य वचन से विमुख रहा तूने पाप से नाता तोड़ा नहीं
मंदिर मस्जिद गुरुद्वारे में जाके हांथ कभी भी जोड़ा नहीं
करे इतना क्यूं गुमान रे तेरी माटी की काया रे …
तनको मलमल धोया रे…
करे इतना क्यूं गुमान रे तेरी माटी की काया रे …
तनको मलमल धोया रे…
रोया “दर्शन” जनमानस की सोच के झूठी वाणी पर
दे सतबुद्धि हे दयानिंधे इन अवगुण अज्ञानी प्राणी पर
बारंम्बार आया प्रभुद्वारे जागा नहीं तू सोया रे..
तनको मलमल धोया रे…
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दे सतबुद्धि हे दयानिंधे इन अवगुण अज्ञानी प्राणी पर
बारंम्बार आया प्रभुद्वारे जागा नहीं तू सोया रे..
तनको मलमल धोया रे…
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दर्शनदास मानिकपुरी ग्राम पोस्ट धनियाँ
एन टी पी सी सीपत
बिलासपुर-जिला (छ. ग.)
एन टी पी सी सीपत
बिलासपुर-जिला (छ. ग.)