“आगे परब झंडा के”
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आगे परब झंडा के,दिन अगस्त मास म।
चलो झंडा लहराबो ,खुल्ला अगास म।।
आगे परब झंडा के………………….
रंग केसरिया हे ,तियाग के पहिचान के।
खून घलो खौलिस हे,देश के जवान के।।
आजादी मनावत हन,उंखरे परयास म।
आगे परब झंडा के,…………………
चलो झंडा लहराबो………………….
सादा रंग शांति अउ,सुरक्छा बतावत हे।
मया भरे नस-नस म ख़ुशी ल मनावत हे।।
रक्छा करत बइठे,भारत माता के आस म।
आगे परब झंडा के…………………
चलो झंडा लहराबो…………………
हरियर पहिचान हे,भुइयां के हरियाली के।
करौ काम सबो रे ,देश के खुशिहाली के।।
बनौ भागीदारी सबो ,देश के विकास म।
आगे परब झंडा के………………….
चलो झंडा लहराबो………………….
लगे चकरी बिच में ,अशोक सारनाथ के।
जीवन के गति अउ,उन्नति दुनों साथ के।।
बित जही जिनगी,हंसी,ख़ुशी,उल्लास म।
आगे परब झंडा के………………….
चलो झंडा लहराबो………………….
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रचनाकार :–
बोधन राम निषादराज “विनायक”
स./लोहारा,कबीरधाम (छ.ग.)
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