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आजादी का पर्व मनालो।
खूब तिरंगा ध्वज पहरालो।।
संगत रक्षा बंधन आया।
भ्रात बहिन जन मन हर्षाया।।१
राखी बाँधो देश हितैषी।
संविधान संसद सम्पोषी।।
राखी बाँध तिरंगा रक्षण।
राष्ट्र भावना बने विलक्षण।।२
जन जन का अरमान तिरंगा।
चाहे बहिन भ्रात हो चंगा।।
रक्षा सूत्र तिरंगा चाहत।
धरा बहिन न होवे आहत।।३
राखी बंधन खूब कलाई।
मान तिरंगे को निज भाई।।
भारत का सम्मान तिरंगा।
अटल हिमालय पावन गंगा।।४
जन जन का है आज चहेता।
शान तिरंगे हित जन चेता।
संगत दोनो पर्व मनाएँ।
राष्ट्र गान ध्वज सम्मुख गाएँ।।५
बाँध तिरंगे को अब राखी।
नभ तक लहरा जैसे पाखी।।
शर्मा लिखे छंद चौपाई।
धरा तिरंगा प्रीत मिताई।।६
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✍©
बाबू लाल शर्मा, बौहरा
सिकंदरा,303326
दौसा,राजस्थान,9782924479
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