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सरकार से बात मनवाने
लाठी से बस तोड़ दिया;
पुलिस ने लाठी चार्ज किया
और जनता का सिर फोड़ दिया।
सरकार से बात मनवाने
लाठी से बस तोड़ दिया;
पुलिस ने लाठी चार्ज किया
और जनता का सिर फोड़ दिया।
इधर भी लाठी बरस रही है;
उधर भी लाठी बरस रही है।
दो पक्षों के बीच में हर पल
कितनी चूड़ियाँ टूटी हैं!
उधर भी लाठी बरस रही है।
दो पक्षों के बीच में हर पल
कितनी चूड़ियाँ टूटी हैं!
किसी की चूड़ी टूट गई ज्यों
कुछ दुकाने फूट पड़ी त्यों;
किसी का सपना टूट कर बैठा;
कोई हर पल फूट रहा।
कुछ दुकाने फूट पड़ी त्यों;
किसी का सपना टूट कर बैठा;
कोई हर पल फूट रहा।
गली – गली जो दूध बेचता
दूध सड़क उड़ेल दिया;
फूंक दिया सरकार का पुतला
वादा जो न पूर्ण किया।
दूध सड़क उड़ेल दिया;
फूंक दिया सरकार का पुतला
वादा जो न पूर्ण किया।
इधर टमाटर बरस रहा है;
उधर वो जनता गटक रहा है।
उधर वो जनता गटक रहा है।
तोड़ – फोड़, ईमान छोड़
तू खुद को ही तो छल रहा है।
तू खुद को ही तो छल रहा है।
– कीर्ति जायसवाल
प्रयागराज
प्रयागराज