. *देना है दातार तो ….*
. *दोहा छंद*
.
देना हो दातार तो, दे शबरी सी प्रीत।
पवन तनय सी भक्ति दे,कर्ण सरीखा मीत।।
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भ्राता देना लखन सा,यसुदा जैसी मात।
राम सरीखा पुत्र हो, दशरथ जैसा तात।।
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राधा जैसी प्रिया हो,कर्ण सरीखा मीत।
भाग्य सुदामा से भले,तानसेन से गीत।।
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अक्खड़ पना कबीर सा,रस जैसे रसखान।
अर्जुन जैसी नींद दे, गीता जैसा ज्ञान।।
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रिश्ते साथी कृष्ण से, बर्बरीक से बान।
तुलसी सा वैराग्य दे, सूरदास सा मान।।
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कूटनीति चाणक्य सी,विदुर सरीखी नीति।
चन्द्र गुप्त सा बल मिले, मीरा जैसी प्रीति।।
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रावण जैसा ज्ञान दे ,हठ हम्मीर समान।
राणा जैसी आन दे, चेतक जैसा मान।।
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पन्ना जैसा त्याग दे, चंदन सा बलिदान।
पृथ्वी राज चौहान सा,देना तुम अभिमान।।
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वीर शिवा सी वीरता ,सांगा जितने घाव।
भूषण सी कविता लिखा,सतसैया से भाव।।
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देना हो सन्यास तो, बना विवेकानंद।
दयानंद सा धीर दे, परमहंस आनंद।।
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चतुर बनाए तो प्रभो, ज्यों तेनाली राम।
दशरथ माँझी दे बना,परमारथ के काम।।
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साहस बोस सुभाष सा,दे मुझको दातार।
लाल बाल अरु पाल से,देना मुझे विचार।।
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हरिश्चन्द्र सा सत्य दे, बाली सा वरदान।
पतंजली सा योग दे, भामाशाही दान।।
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भगत सिंह सी मौत दे, शेखर सी पिस्तोल।
ऋषि दधीचि सी देह दे,गुरु नानक से बोल।।
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कफन तिरंगा रंग दे,जनगणमन का गान।
वतन शहीदी शान दे, बलिदानी अरमान।।
.
मातृभूमि की गोद मे ,हिन्दी हिन्दुस्तान।
भारत मेरा देश हो, जन्मूँ राजस्थान।।
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✍✍©
बाबू लाल शर्मा “बौहरा”
सिकंदरा, दौसा,राजस्थान
. *दोहा छंद*
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देना हो दातार तो, दे शबरी सी प्रीत।
पवन तनय सी भक्ति दे,कर्ण सरीखा मीत।।
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भ्राता देना लखन सा,यसुदा जैसी मात।
राम सरीखा पुत्र हो, दशरथ जैसा तात।।
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राधा जैसी प्रिया हो,कर्ण सरीखा मीत।
भाग्य सुदामा से भले,तानसेन से गीत।।
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अक्खड़ पना कबीर सा,रस जैसे रसखान।
अर्जुन जैसी नींद दे, गीता जैसा ज्ञान।।
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रिश्ते साथी कृष्ण से, बर्बरीक से बान।
तुलसी सा वैराग्य दे, सूरदास सा मान।।
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कूटनीति चाणक्य सी,विदुर सरीखी नीति।
चन्द्र गुप्त सा बल मिले, मीरा जैसी प्रीति।।
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रावण जैसा ज्ञान दे ,हठ हम्मीर समान।
राणा जैसी आन दे, चेतक जैसा मान।।
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पन्ना जैसा त्याग दे, चंदन सा बलिदान।
पृथ्वी राज चौहान सा,देना तुम अभिमान।।
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वीर शिवा सी वीरता ,सांगा जितने घाव।
भूषण सी कविता लिखा,सतसैया से भाव।।
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देना हो सन्यास तो, बना विवेकानंद।
दयानंद सा धीर दे, परमहंस आनंद।।
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चतुर बनाए तो प्रभो, ज्यों तेनाली राम।
दशरथ माँझी दे बना,परमारथ के काम।।
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साहस बोस सुभाष सा,दे मुझको दातार।
लाल बाल अरु पाल से,देना मुझे विचार।।
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हरिश्चन्द्र सा सत्य दे, बाली सा वरदान।
पतंजली सा योग दे, भामाशाही दान।।
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भगत सिंह सी मौत दे, शेखर सी पिस्तोल।
ऋषि दधीचि सी देह दे,गुरु नानक से बोल।।
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कफन तिरंगा रंग दे,जनगणमन का गान।
वतन शहीदी शान दे, बलिदानी अरमान।।
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मातृभूमि की गोद मे ,हिन्दी हिन्दुस्तान।
भारत मेरा देश हो, जन्मूँ राजस्थान।।
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✍✍©
बाबू लाल शर्मा “बौहरा”
सिकंदरा, दौसा,राजस्थान