नव वर्ष ये लाया है बहार
नव वर्ष ये लाया है बहार,
फैले खुशियाँ जीवन अपार।
मंगल छाये घर घर बसंत,
दुख दर्द मिटे पीड़ा तुरन्त।।
पावन फूलों की बेला हो,
जीवन बस प्रीति मेला हो।
हर आँगन गूंजे किलकारी,
मनभावन फूलों की क्यारी।।
झनके वीणा के सुगम तार,
सुर की *सरिता* की सरल धार।
उन्नति पाओ उतंग शिखर,
आखर नवल बन हो प्रखर।।
कर दो प्रकृति सुंदर श्रृंगार,
हर युवा के कांधे पे हो भार।
जीवन मधुमास सा प्यारा हो,
ये देश हमारा न्यारा हो।।
सुख जंगल मंगल छा जाये,
धन की वर्षा मिलकर पाये।
चहूँ दिश में फैले प्रेम प्यार,
नव वर्ष का लो मीठा उपहार।।