मजदूरों के नाम समर्पित यह दिन 1 मई है। मजदूर दिवस को लेबर डे, श्रमिक दिवस या मई डे के नाम से भी जाना जाता है। श्रमिकों के सम्मान के साथ ही मजदूरों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने के उद्देश्य से भी इस दिन को मनाते हैं, ताकि मजदूरों की स्थिति समाज में मजबूत हो सके। मजदूर किसी भी देश के विकास के लिए अहम भूमिका में होते हैं।

डिजेंद्र कुर्रे कोहिनूर

मजदूर पर कविता

मैं मजदूर कहाता हूँ

कंधे पर मैं बोझ उठाकर,
काम सफल कर जाता हूँ।
निज पैरों पर चलने वाला,
मैं मजदूर कहाता हूँ।

नहीं काम से डरा कभी मैं,
हरदम आगे चलता हूँ।
दुनिया को रौशन करने को,
दीपक जैसे जलता हूँ।
रोक नहीं कोई पाता,
है,जब अपने पर आता हूँ।
निज पैरों पर चलने वाला,
मैं मजदूर कहाता हूँ।

नदियों पर मैं बाँध बनाता,
मैं ही रेल बिछाता हूँ।
कल पुर्जे हैं सब मुझसे ही।
सब उद्योग चलाता हूँ।
फिर भी मैं संतोष धार कर,
गीत खुशी के गाता हूँ।
निज पैरों पर चलने वाला,
मैं मजदूर कहाता हूँ।

डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभावना (छत्तीसगढ़)

मो. 8120587822

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *