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मतगयन्द सवैया सात भगण दो गुरु।211×7+2+2
राम चले वन को सजनी,पिय संग चली सिय राज बिहाई। लक्ष्मण साथ हुए धनु ले, विनती जननी सन कीन्ह सुहाई । भूपति राज समाज सखा विलपे सुनके जननी अकुलाई । दैव विधान कठोर कहे सब नैन रहे जल बिंदु बहाई।