. *चौपाई छंद*
. *माँ शारदे वंदन*
मात शारदे वर दे ऐसा।
लिखे लेखनी सत्य हमेशा।।1
लिखे लेखनी सत्य हमेशा।।1
पीड़ा जन गण मन की गाऊँ।
शासन के कर्तव्य बताऊँ।।2
शासन के कर्तव्य बताऊँ।।2
जय जवान के मान रखाऊँ।
जय किसान की किस्मत गाऊँ।।3
जय किसान की किस्मत गाऊँ।।3
मात शारदे लेखन वर दे।
धार भाव वाणी में भर दे।4
धार भाव वाणी में भर दे।4
शब्द खजाना दे वरदानी।
भाषा ज्ञान करें माँ रानी।।5
भाषा ज्ञान करें माँ रानी।।5
हंस वाहिनी शारद माता।
नित उठ तव वंदन मैं गाता।।6
नित उठ तव वंदन मैं गाता।।6
कर मेरा है भाव तुम्हारे।
कृपा आपकी नाम हमारे।।7
कृपा आपकी नाम हमारे।।7
ब्रह्म सुता माँ जग मति दाता।
मै तो बस तव वंदन गाता।।8
मै तो बस तव वंदन गाता।।8
तुलसी सम धीरज भी देना।
अवगुण मेरे सब हर लेना।।9
अवगुण मेरे सब हर लेना।।9
काव्य छंद गीत चौपाई।
करूँ समर्पित मैं कविताई।।10
करूँ समर्पित मैं कविताई।।10
मात आप ही मेरी आशा।
मुझको केवल ज्ञान पिपासा।।11
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मुझको केवल ज्ञान पिपासा।।11
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सादर
बाबू लाल शर्मा “बौहरा*
सिकंदरा, दौसा राजस्थान
बाबू लाल शर्मा “बौहरा*
सिकंदरा, दौसा राजस्थान