सरस्वती वंदना

हँसवाहिनी माँ की जय जय
वीणावादिनी जय हो
शुभ्रज्योत्स्ना भरो हृदयमें
अन्धकार सब क्षय हो
पद्मासना श्वेत वस्त्रा माँ
तेरी जय जय जय हो

2

पुलकित ज्ञान ज्योति में
मेरी सद्बुद्धि की लय हो
ज्ञानदायिनी तब प्रकाश में
मेरा तिमिर विलय हो
कमल आसनी वागीश्वरी माँ
तेरी जय जय जय हो

3

तेरे चरणों की पावन रज
मस्तक मेरे सोहे
धूप दीप नैवेद्य सुधा से
अर्चन वंदन होवे
बुद्धि वर्धिनी अमृतमयी माँ
तेरी जय जय जय हो

4
ज्योतिर्मय शुभ जल प्रपात से
ज्ञान पुंज नित बरसे
नित उड़ान हो नयी सफलता
से प्रतिदिन मन हरसे
कृपा सिंधु माँ तेरी जय जय
तेरी जय जय जय हो
5
वरदहस्त हो मेरी कलम पर
मम सौभाग्य उदय हो
दुख अभाव सबके हर लो माँ
इन पर विश्व विजय हो
ताल-छंद गति लय पर जय हो
माँ तेरी जय जय हो

हँसवाहिनी माँ की जय जय
वीणावादिनी जय हो
पद्मासना श्वेत वस्त्रा माँ
तेरी जय जय जय हो

रमेश कँवल 


Posted

in

by

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *