( रचना -स्वागत नूतन वर्ष)
नूतन वर्ष लेकर आये,
नव आशाओं का संचार।
नई सोच व नई उमंग से,
मानवता की हो जयकार।।
कठिन राहों का साहस से,
डटकर करें सदा सामना।
खुशियाँ लेकर आये उन्नीस।
नव वर्ष की शुभकामना।।
प्रेम भाव का दीप जले,
हो हर मन में उजियारा।
सारे जग में अब बन जाये,
अपना ही यह भारत प्यारा।।
जले ज्ञान का दीपक सदा,
मिटे जगत से अंधकार।….
नूतन वर्ष लेकर आये,
नव आशाओं का संचार।
नई सोच व नई उमंग से,
मानवता की हो जयकार।। …..
बँधे एकता सूत्र में हम सब,
नव वर्ष में मिले यही वरदान।
भारत भू की एकता जग में,
बन जाये सबकी पहचान।।
मिट जाये हर मन से अब,
राग द्वेष का मैल सारा।
किरणें फैले पावनता की,
हर आँगन खुशियों की धारा।।
अन्तः मन की जगे चेतना,
बहे मानवता की अब धार।।….
नूतन वर्ष लेकर आये,
नव आशाओं का संचार।
नई सोच व नई उमंग से,
मानवता की हो जयकार।। ……
……….भुवन बिष्ट
रानीखेत (उत्तराखंड )
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स्वागत नूतन वर्ष
