हमर गंवई गाँव(Hamar gavai gaav)
1
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव
गड़े नही अब कांटा खोभा
तुंहर कुँवर पांव
आबे आबे सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव।।
हमर गंवई गाँव
गड़े नही अब कांटा खोभा
तुंहर कुँवर पांव
आबे आबे सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव।।
2
गली गली के चिखला माटी
वहु ह अब नंदागे।
पक्की सड़क पक्का नाली
हमरो गांव म छागे।
लइका मन बर स्कूल खुलगे
जगाथे गाँव के नाव।
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गांव ।।
वहु ह अब नंदागे।
पक्की सड़क पक्का नाली
हमरो गांव म छागे।
लइका मन बर स्कूल खुलगे
जगाथे गाँव के नाव।
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गांव ।।
3
नरवा खड़ म मील बनाहे
बज -बजाथे खड़ ह।
गोला गोला पेड़ कटवाहे
दिखे नहीं कोयली ह।
कुँआ बउली कोन पूछे अब
बोर खनागे गाँव।
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव।।
बज -बजाथे खड़ ह।
गोला गोला पेड़ कटवाहे
दिखे नहीं कोयली ह।
कुँआ बउली कोन पूछे अब
बोर खनागे गाँव।
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव।।
4
पहिली के जंगल ह छटागे
बघुवा भालू ह भगागे
गाय गरु के चारा ह सिराथे
गउ ठान ह सकलागे
नई मिले अब छपरी छानी
नईहे खदर के छाँव ।।
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव।।
बघुवा भालू ह भगागे
गाय गरु के चारा ह सिराथे
गउ ठान ह सकलागे
नई मिले अब छपरी छानी
नईहे खदर के छाँव ।।
आबे आबे ग सहरिया बाबू
हमर गंवई गाँव।।
5
मिलजुल के हमर गाँव मनाथे
जम्मों तीज तिहार।
भेदभाव ह घुरूवा म पटागे
आथे सबके काम।
खेलत कमावत दिन ह पहाथे
रतिया मया के छाँव।।
आबे आबे ग सहरिया बाबू ते
हमर गंवई गॉव।।
जम्मों तीज तिहार।
भेदभाव ह घुरूवा म पटागे
आथे सबके काम।
खेलत कमावत दिन ह पहाथे
रतिया मया के छाँव।।
आबे आबे ग सहरिया बाबू ते
हमर गंवई गॉव।।
माधुरी डड़सेना
नगर पंचायत भखारा
छ .ग.
नगर पंचायत भखारा
छ .ग.
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