माँ दुर्गा से संबंधित हाइकु -सुधा शर्मा

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दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।[शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। माँ दुर्गा से संबंधित हाइकु 1 देवी मंदिर झिलमिलाते जोतलगी कतार 2 भक्तों की … Read more

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सूनी इक डाली हूँ-नील सुनील

सूनी इक डाली हूँ सूनी इक डाली हूँ। सोचें सब माली हूँ।।  तू खेले लाखों में। मैं पैसा जाली हूँ।।  घर बच्चे भूखे हैं। मैं खाली थाली हूँ।।  तू मन्नत रब की है। मैं बस इक गाली हूँ।।  अदना सा हूँ शायर। समझें वो हाली हूँ।।  मर जाऊं क्या आखिर। बरसों से  खाली हूँ।। ✍नील सुनील हरियाणा इस पोस्ट को like और … Read more

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तुममें राम कौन है?-राहुल लोहट

तुममें राम कौन है? मैदान खुला है,भीड़ बहुत है,जोर-जोर के जयकारे चीर रहे है आस्मां,दहन है विद्वान कामूर्खों के हाथों,सजा बार-बार क्यूं ?सवाल मन को खंगोलता है।मेरा कसूर क्या बहन की इज्जत रक्षा बस?आज जरूरत है हर घर में,मुझ जैसे रावण की लड़े जो अपनी बहन खातिरहैवानों से।जलाओ,जी भर के जलाओ,मगर इतना बताओ इस लबालब भीड़ में तुममें कौन राम है?खुले … Read more

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अभी मैं मरा नहीं हूँ-नील सुनील

अभी मैं मरा नहीं हूँ। हां देश की खातिर मर जाने की, मैंने कसम उठाई थी। जिस्म के मेरे, मर जाने पर. आंख सभी भर आई थी। जिस्म से हूं मर गया बेशक, रूह से मरा नहीं हूँ। अभी मैं मरा नहीं हूँ। राजगुरु था सुखदेव था, फांसी पर वो साथ मेरे। जोश में बोला इंकलाब जब, थे वो दोनों हाथ मेरे। फांसी पर लटका हूं बेशक, लेकिन मैं डरा … Read more

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प्रदुषण से बचाना होगा

प्रदुषण से बचाना होगा   महकती धरा  को प्रदुषण से बचाना होगा इस नवरात्रि में एक मुहीम चलाना होगा, महकती धरा को प्रदुषण से बचाना होगा! भिन्न- भिन्न धर्म यहाँ, भिन्न- भिन्न मज़हब है, भिन्न- भिन्न प्रदुषण से इसे बचाना होगा! सघनता आबादी है, उत्सव की वातावरण , ध्वनि  की अधिकता से इसे बचाना होगा! धार्मिकता की धून … Read more

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दुर्गा के नौ रूप(दोहे)-केतन साहू “खेतिहर”

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दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं।शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। दुर्गा के नौ रूप- 9 दोहे शुभारंभ नवरात्र का, जगमग है दरबार। गूंज उठी चहुँ … Read more

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भक्ति पर कविता

भक्ति पर कविता तोरन पुष्प सजाय केउत्सव माँ के द्वार!!! गीत सुरीले गूँजते,लटके बन्दनवार!!!! नाम अनेको दे दिए,माई जग में एक!!! नामित ब्रम्हाचारिणी,कर लेंना अभिषेक!! परम सुखी परिवार होमाँग भक्ति के भीख!!! चरण धूलि माथे लगावत्स भजन ले सीख!!! –राजेश पान्डेय वत्सकविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

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हाथ जोड़कर विनय करू माँ

हाथ जोड़कर विनय करू माँ मंगल करनी भव दुख हरणी।माता मम् भव   सागर तरणी। हाथ जोड़कर विनय करू माँ।अर्ज दास की भी सुन लो माॅ  । निस दिन ध्यान करू मै मैया।तुम  हो  मेरी  नाव  खिवैया। तुम बिन कौन सुने अब मैया।मँझधारों    मे  फसती    नैया। गहरा  सागर  नाव    पुरानी।इसको  मैया   पार  लगानी। मदन सिंह शेखावत

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हे महिषासुर मर्दिनी

हे महिषासुर मर्दिनी हे महिषासुर मर्दिनी ! आज फिर धरा पर आना होगा , नारी के मान , नारी की गरिमा कावसन फिर बचाना होगा ,छिपे बैठे है असुर कितनेमच्छरों सदृश मौकापरस्त कितने ,ढूंढ-ढूंढ कर उन दुश्शासनों कोमिट्टी में मिलाना होगा , हे महिषासुर मर्दिनी ! आज फिर …………हे नारी ! समय नही अब रोने काइतिहास गवाह है और … Read more

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आओ चले गाँव की ओर-रीतु देवी

आओ चले गाँव की ओर आओ चले गाँव की ओरगाँव की मिट्टी बुलाती उन्मुक्त गगन ओररस बस जाए गाँव में ही,स्वर्ग सी अनुभूति होती यहीं।खुला आसमाँ, ये सारा जहाँस्वछंद गाते, नाचते भोली सूरत यहाँ।आओ चले गाँव की ओरगाँव की मिट्टी बुलाती उन्मुक्त गगन ओरआमों के बगीचे हैं मन को लुभाते,फुलवारियाँ संग-संग हैं सबको झूमाते ,झूम-झूम … Read more

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