भोर गीत-राजेश पाण्डेय वत्स

भोर गीत ये सुबह की सुहानी हवाये प्रभात का परचम।प्रकृति देती है ये पलरोज रोज हरदम।। आहट रवि किरणों कीसजा भोर का गुलशन।कर हवाओं संग सैरभर ले अपना दामन।। उठ साधक जाग अभीदिन मिले थे चार।बीते न ये कीमती पलखो न जाये बहार।। कदम बढ़ा न ठहर अभीमंजिल आसमान में।स्वर्ग बना धरा को औरराम नाम … Read more

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खुदा से फरियाद पर कविता -माधवी गणवीर

खुदा से फरियाद पर कविता या खुदा मुझे ऎसी इनायत तो दे,मोहब्बत के बदले मोहब्बत तो दे। खटक रहे है हम जिनकी निगाहों में,आजमाइश के बदले आजमाइश तो दे।न मुकर अपनी ही जुबां से ,ईमान के बदले ईमान तो दे। बजा कर अपनी ढ़फली अपना राग,तरन्नुम के बदले तरन्नुम तो दे।हमने जफा न सीखी तुमने … Read more

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साजन की याद में कविता -केवरा यदु मीरा

साजन की याद में कविता रिमझिम बरखा के आने से प्रिय याद तुम्हारी आई।मेरे मन के आँगन में फिर गूँज उठी शहनाई।प्रिय याद तुम्हारी आई।। बाट जोहती साँझ सबेरे आयेंगे अब साजन।मन ही मन मैं झूमती गाती बजते चूड़ी कंगन।रिमझिम रिमझिम बूँदिया बरसे हो ——– संग चले पुरवाई प्रिय याद तुम्हारी आई।। कजरा गजरा माथे … Read more

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चाँदनी और लाल परी पर कविता

चाँदनी और लाल परी पर कविता चौदहवीं का चाँद है तू कहूँ या कुदरत की जादूगरी ।जन्नत से इस धरती पर तू किसके लिये उतरी ।। ओ मेरी चाँदनी ओ मेरी लाल परी। रूप सलोना ऐसा जैसे खिलता हुआ गुलाब ।लाल परी है तू रानी तेरा नहीं जवाब ।तुझे देख कर गोरी हमने ऽऽऽतुझे देख … Read more

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क्रिसमस डे -कवि डीजेन्द्र कुर्रे ‘कोहिनूर’

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क्रिसमस डे सर पे टोपी हाथ मे क्रिसमस,चलो सांता बनते हैं।प्रभु के जन्म दिवस पर,पुनीत कर्म हम करते हैं । बच्चों के साथ मिलकर,हँसी ठिठोली करते हैं।खूब नाचे हम खूब गाए,बच्चों के मन बहलाते है। चलो गिरजाघर जाकर,प्रभु के महिमा गाते हैं।पवित्र बाइबिल पड़कर,ध्यान मसीह में लगाते है। आओ सब मिलकर ,क्रिसमस उत्सव मनाते हैं।दिनदुखियों … Read more

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मिट्टी की घट पर कविता की महिमा बताती सुकमोती चौहान रुचि की छप्पय छंद में यह अनूठा काव्य

मिट्टी की घट पर कविता मिट्टी घट की ओर ,चलो अब लौटे हम सब।प्लास्टिक का प्रतिबंध,मनुज स्वीकारोगे कब।मृदा प्रदूषण रोक,पीजिए घट का पानी।स्वस्थ रहेगा गात, स्वच्छता बने निशानी।घड़ा सुराही की शुद्धता, मान रहा विज्ञान भी।लाइलाज रोगों की दवा,मिट्टी यह वरदान भी। ✍ सुकमोती चौहान रुचिबिछिया,महासमुन्द,छ.ग.

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गीता द्विवेदी की शानदार कविता

गीता द्विवेदी की शानदार कविता अलाव कभी-कभी जिंदगीअलाव जैसी धधकती हैउसमें हाथ सेंकते हैंअपने भी पराए भीबुझने से बचाने कीसबकी कोशिश रहती है,डालते रहते हैं,लकड़़ियाँ पारी-पारी,कितना अजीब है ना!न आग न धुआँपर जिंदगी तो जलती है,सभी को पता है।क्योंकि कभी न कभी,सभी को इसका अनुभव हुआ है।कोई राख हो जाता है,कोई कुन्दन,और तब…..हाथ सेंकने वाले,दूर … Read more

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चुनाव में होगा दंगल-दूजराम साहू

चुनाव में होगा दंगल अब होगा दंगल,गाँव-गाँव, गली-गली !!बजेगा बिगुल चुनाव की,गाँव- गाँव, गली-गली !! लोकतंत्र की महापर्व में,काफिले खूब चलेंगे!न दिखेगा अबीर का रंग,चुनावी रंग चढ़ेंगे !!लुभावने, छलावे की,मंत्रोच्चार होगी गली-गली ! पांव पकड़ेंगे दीन का भीयाचक बन वोट मांगेंगे !लंबी-चौड़ी अस्वासन होगीवादे खूब गिनायेंगे !!सच्चाई नहीं सुई नोंक बराबरपरख लेना भली -भली ! … Read more

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बारी के पताल-महेन्द्र देवांगन माटी

बारी के पताल वाह रे हमर बारी के पताल ।ते दिखथस सुघ्घर लाल लाल ।। गरीब अमीर दुनो तोला भाथे ।झोला मे भर भरके तोला लाथे ।। तोर बिना कुछु साग ह नइ मिठाये ।सलाद बनाके तोला भात मे खाये ।। धनिया मिरची मिलाके चटनी बनाथे।रोटी अऊ बासी मे चाट चाट के खाथे।। वाह रे … Read more

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शरदपूर्णिमा पर कविता-  डा. नीलम

शरदपूर्णिमा पर कविता ओढ़ के चादर कोहरे कीसूरज घर से निकला थाकर फैला कर थोड़ी धूपदेने की, दिन भर कोशिश करता रहा सांझ ने जब दामन फैलायानिराश होकर सूरज फिर लौट गयाकोशिश फिर चाँद-सितारों ने भी की थीपर कोहरे की चादर वैसी ही बिछी रही कोहरे की चादर ,पर ..बहुत गाड़ी थीहवाओं ने भी तीखी … Read more

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