भोर गीत-राजेश पाण्डेय वत्स
भोर गीत ये सुबह की सुहानी हवाये प्रभात का परचम।प्रकृति देती है ये पलरोज रोज हरदम।। आहट रवि किरणों कीसजा भोर का गुलशन।कर हवाओं संग सैरभर ले अपना दामन।। उठ साधक जाग अभीदिन मिले थे चार।बीते न ये कीमती पलखो न जाये बहार।। कदम बढ़ा न ठहर अभीमंजिल आसमान में।स्वर्ग बना धरा को औरराम नाम … Read more