दंगों से पहले पर कविता
दंगों से पहले पर कविता दंगों से पहले शांत महौल थाइस शहर कादंगों से पहले नाम निशाननहीँ था वैर कादंगों से पहले अंकुरित नहीँ थाबीज जहर कादंगों से पहले सौहार्द-सदभाव काहर पहर थादंगों से पहले न साम्प्रदायिकताका कहर थादंगों से पहले सियासतदानों सेदूर शहर थादंगों से पहले असलम रामलाल सेकहाँ गैर थादंगों से पहले चुनाव … Read more