Month March 2020

दंगों से पहले पर कविता

दंगों से पहले पर कविता दंगों से पहले शांत महौल थाइस शहर कादंगों से पहले नाम निशाननहीँ था वैर कादंगों से पहले अंकुरित नहीँ थाबीज जहर कादंगों से पहले सौहार्द-सदभाव काहर पहर थादंगों से पहले न साम्प्रदायिकताका कहर थादंगों से…

जाति धर्म पर कविता

जाति धर्म पर कविता इंसान-इंसान के बीचकितनी हैं दूरियांइंसान-इंसान कोनहीं मानता इंसानमानता हैकिसी न किसीजाति काधर्म काप्रतिनिधिइंसान की पहचानइंसानियत न होकरबन गई पहचानजाति व धर्म हो गई परिस्थितियांबड़ी विकटविवाह-शादीकार-व्यवहारक्रय-विक्रयसब कुछ मेंदी जाती है वरीयताअपनी जाति कोअपने धर्म कोजाति-धर्म हीसबसे बड़ी…

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता

चित्र मित्र इत्र विचित्र पर कविता चित्र रचित कपि देखकर,डरती सिय सुकुमारि।अगम पंथ वनवास में, रहती जनक दुलारि।। मित्र मिले यदि कर्ण सा, सखा कृष्ण सा साथ।विजित सकल संसार भव, बने त्रलोकी नाथ।। गन्धी चतुर सुजान नर, बेच रहे नित…

शिखण्डी पर कविता

शिखण्डी पर कविता पार्थ जैसा हो कठिन,व्रत अखण्डी चाहिए।*आज जीने के लिए,**इक शिखण्डी चाहिए।।* देश अपना हो विजित,धारणा ऐसी रखें।शत्रु नानी याद कर,स्वाद फिर ऐसा चखे। सैन्य हो अक्षुण्य बस,व्यूह् त्रिखण्डी चाहिए।।आज जीने के……. घर के भेदी को अब,निश्चित सबक…

सूरज पर कविता

सूरज पर कविता मीत यामिनी ढलना तय है,कब लग पाया ताला है।*चीर तिमिर की छाती को अब,**सूरज उगने वाला है।।* आशाओं के दीप जले नित,विश्वासों की छाँया मे।हिम्मत पौरुष भरे हुए है,सुप्त जगे हर काया में। जन मन में संगीत…

शिक्षा पर कविता

शिक्षा पर कविता शिक्षा का अधिकार सभी कोसभी शिक्षित कीजिये।कहते है महादान इसकोदान सबको दीजिए।।1।। शिक्षा का ये क्षेत्र असीमितअनुसंधान कीजिये।अधुनातन नवतकनीकों सेजनकल्याण कीजिये।।2।। शिक्षा से कोई भी वंचितरहे ना संसार मे।शिक्षा की सब अलख जगाएंहर एक परिवार में।।3।।???शिक्षा जीवन…

सार छंद विधान – बाबूलालशर्मा

सार छंद विधान ऋतु बसंत लाई पछुआई, बीत रही शीतलता।पतझड़ आए कुहुके,कोयल,विरहा मानस जलता। नव कोंपल नवकली खिली है,भृंगों का आकर्षण।तितली मधु मक्खी रस चूषक,करते पुष्प समर्पण। बिना देह के कामदेव जग, रति को ढूँढ रहा है।रति खोजे निर्मलमनपति को,मन…