डगमग इंसान चले

कविता संग्रह

सारस छंद विधान – इसके प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती हैं , 12,12 मात्रा पर यति होती है ; आदि में विषम कल होता है और 3,4,9,10,15,16,21,22 वीं मात्राएँ अनिवार्यतः लघु 1 होती हैं ।
मापनी:–2112 2112 , 2112 2112

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हिंदी संग्रह कविता-हम अर्चना करेंगे

कविता संग्रह

हम अर्चना करेंगे हे जन्म-भूमि भारत, हे कर्मभूमि भारत,हे वन्दनीय भारत, अभिनन्दनीय भारत,जीवन सुमन चढ़ाकर, आराधना करेंगे,तेरी जनम-जनम भर, हम वन्दना करेंगे। हम अर्चना करेंगे…. महिमा महान् तू है, गौरव निधान तू है,तू प्राण है, हमारी जननी समान तू है,तेरे लिए जिएँगे, तेरे लिए मरेंगे,तेरे लिए जनम भर, हम साधना करेंगे। हम अर्चना करेंगे… जिसका … Read more

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हिंदी संग्रह कविता-वह जीवन भी क्या जीवन है

कविता संग्रह

वह जीवन भी क्या जीवन है वह जीवन भी क्या जीवन है, जो काम देश के आ न सका।वह चन्दन भी क्या चन्दन है, जो अपना वन महका न सका। जिसकी धरती पर जन्म लिया, जिसके समीर से श्वास चलीजिसके अमृत से प्यास बुझी, जिसकी माटी से देह पली। वह क्या सपूत जो जन्मभूमि के, … Read more

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हिंदी संग्रह कविता-हमारे प्यारे हिन्दुस्तान

कविता संग्रह

हमारे प्यारे हिन्दुस्तान हमारे प्यारे हिन्दुस्थान, हमारे भारतवर्ष महान ॥जननी तू जन्मभूमि है, तू जीवन तू प्राण ।तू सर्वस्व शूरवीरों का, जगती का अभिमान ॥ हमारे प्यारे उष्ण रक्त अगणित अरियों का, बार-बार कर पान।चमकी है कितने युद्धों में, तेरी तीक्ष्ण कृपाण ॥ हमारे प्यारे जौहर की ज्वाला में जिनकी, थी अक्षय मुस्कान।धन्य वीर बालाएँ … Read more

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हिंदी संग्रह कविता-हम सब भारतवासी हैं

हम सब भारतवासी हैं हम पंजाबी, हम गुजराती, बंगाली, मद्रासी हैं,लेकिन हम इन सबसे पहले केवल भारतवासी हैं।हम सब भारतवासी हैं। हमें प्यार आपस में करना पुरखों ने सिखलाया है,हमें देश-हित, जीना-मरना, पुरखों ने सिखलाया है!हम उनके बतलाये पथ पर, चलने के अभ्यासी हैं!हम सब भारतवासी हैं! हम बच्चे अपने हाथों से, अपना भाग्य बनाते … Read more

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हिंदी संग्रह कविता-हम करें राष्ट्र-आराधन

हम करें राष्ट्र-आराधन हम करें राष्ट्र-आराधन, तन से, मन से, धन से।तन, मन, धन, जीवन से, हम करें राष्ट्र-आराधन॥ अंतर से, मुख से, कृति से, निश्चल हो निर्मल मति से।श्रद्धा से, मस्तक -नत से, हम करें राष्ट्र-अभिवादन ।। अपने हँसते शैशव से, अपने खिलते यौवन से।प्रौढ़तापूर्ण जीवन से, हम करें राष्ट्र का अर्चन ।। अपने … Read more

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हिंदी संग्रह कविता- सुना रहा हूँ तुम्हें भैरवी

सुना रहा हूँ तुम्हें भैरवी सुना रहा हूँ तुम्हें भैरवी जागो मेरे सोने वाले!जब सारी दुनिया सोती थी तब तुमने ही उसे जगायादिव्य गान के दीप जलाकर तुमने ही तम दूर भगाया,तुम्हीं सो रहे, दुनिया जगती यह कैसा मद है मतवाले। गंगा-यमुना के कूलों पर, सप्त सौध थे खड़े तुम्हारे,सिंहासन था, स्वर्ण छत्र था, कौन … Read more

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हिंदी संग्रह कविता- वही देश है मेरा

वही देश है मेरा वही देश है मेरा,वही देश है मेरा। द-ऋचाओं में गूंजा है,जिसका अम्बर नीला।जहाँ राम घनश्याम कर गए,युग-युग अद्भुत लीला।जहाँ बांसुरी बजी ज्ञान की, जागा स्वर्ण सवेरा।वही देश है मेरा.. जहां बुद्ध ने सत्य-अहिंसाका था अलख जगाया।गुरु नानक ने विश्वप्रेम काराग जहाँ सरसाया।मेरे-तेरे भेद-भाव का मन से मिटा अँधेरा।वही देश है मेरा.. … Read more

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हिंदी संग्रह कविता- राष्ट्र की जय

राष्ट्र की जय राष्ट्र की जय चेतना का, गान वन्दे मातरम्राष्ट्र भक्ति प्रेरणा का, गान वन्दे मातरम् । बंसी के बजते स्वरों का, प्राण वन्दे मातरम्झल्लरी झंकार झनके, नाद वन्दे मातरम् ।शंख के संघोष का, संदेश वन्दे मातरम्। राष्ट्र भक्ति. सृष्टि बीज मंत्र का है, मर्म वन्दे मातरम्राम के वनवास का है, काव्य वन्दे मातरम्दिव्य … Read more

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हिंदी संग्रह कविता- जय जय भारत

जय जय भारत जय जय भारत, जन-मन अभिमतजन-गण-तन्त्र विधाता। गौरव-भाल-हिमाचल उज्ज्वलहृदय-हार गंगा-जल,कटि विन्ध्याचल, सिन्धु चरण-तलमहिमा शाश्वत गाता। हरे खेत, लहरें नद-निर्झरजीवन-शोभा उर्वर,विश्व कर्मरत कोटि बाहु-करअगणित पद ध्रुव पथ पर। प्रथम सभ्यता-ज्ञाता, साम-ध्वनित गुण-गाथा,जय नव-मानवता-निर्मातासत्य-अहिंसा-दाता।जय हे! जय हे ! जय हे! शांति-अधिष्ठाता। जन-गण-तन्त्र विधाता।प्रयाण तूर्य बज उठे,पटह तुमुल गरज उठे,विशाल सत्य-सैन्य, लौह-भुज उठे। शक्ति-स्वरूपिणि, बहुबलधारिणि, वंदित … Read more

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