दिल अब भी रोता है मेरा – कविता
इस कविता के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहा है वर्तमान सामाजिक परिस्थितियां उसे सोचने को मजबूर कर रही हैं । दिल अब भी रोता है मेरा – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता के माध्यम से कवि अपनी भावनाओं को व्यक्त कर रहा है वर्तमान सामाजिक परिस्थितियां उसे सोचने को मजबूर कर रही हैं । दिल अब भी रोता है मेरा – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता के माध्यम से कवि उस खुदा/परमात्मा की इबादत में खुद को भूल जाना चाहता है ।
तेरे चरणों में पुष्प बनकर मैं बिखर जाऊं तो अच्छा हो- कविता – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता के माध्यम से कवि जीवन को बदल देने और दिशा देने का प्रयास कर रहा है ।
उसने देखा जीवन बदल देने का सपना- कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना के माध्यम से मैं लोगों को परिश्रम हेतु प्रेरित करने का एक प्रयास कर रहा हूँ । साथ ही परिश्रम आपको जिंदगी में क्या मुकाम दिला सकता है इस ओर सभी का ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ । काम करो भाई काम करो – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
कहाँ से छेड़ूँ फ़साना , कहाँ तमाम करूँ – कविता – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस कविता के माध्यम से मैं जिंदगी के विभिन्न पहलुओं की ओर आपका ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ ।