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April 21, 2021

आज जिंदगी बेमानी हो गई है – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार…

इस कविता में वर्तमान सामाजिक परिदृश्य को समाहित किया गया है | आज जिंदगी बेमानी हो गई है - कविता - मौलिक रचना - अनिल…

हर एक दिन को नए वर्ष की – कविता – मौलिक रचना – अनिल कुमार गुप्ता…

इस कविता में जीवन के हर एक क्षण को नव वर्ष की तरह उत्सव के रूप में मनाने पर जोर दिया गया है | हर एक दिन को नए वर्ष…