अबला जागो
अबला जागो,जागने की बारी है””तुम्हारी
बता दो,की तुम्ही से,ये सृष्टि है सारी।
सिर्फ़ शब्दों में है,नारी महान्
काश दिल से भी हो,उसका सम्मान
भाषण देने वाले”नारियों” के हक़ में
बाहर भले हैँ,अंदर शैतान
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कितनी ही औरतेँ हैें,आज भी ग़ुलाम
क़फ़स में देह और कफ़न में जान
हर रिश्ते में नारी का,देखो
ना ये जहाँ ,ना वो जहान
पिता के घर,वो पराया धन है
ससुराल में इसकी,गिरवी जान
जिस दिन निकले ,दोगले जीवन से नारी
उसी दिन मनाये”नारी दिवस”महान
RAJNI SHREE BEDI