Send your poems to 9340373299

अच्छा था बचपन मेरा

0 427

अच्छा था बचपन मेरा

कहाँ फँस गए
जिम्मेदारियों के दलदल में
होकर जवान
इससे तो अच्छा था
बचपन मेरा

न कोई दिखावा
न कोई बहाना
सब कुछ अपना ही अपना
न मेरा
न तेरा
इससे तो अच्छा था
बचपन मेरा

CLICK & SUPPORT

सब कुछ मिल जाता था
छोटी सी जिद्द से
रोकर आँसू बहाने से
अब तो
बहाना पड़ता है पसीना
शाम हो या सवेरा
इससे तो अच्छा था
बचपन मेरा

सुबह खेलते, खेलते शाम
न कोई चिंता
न कोई काम
हर एक का प्यारा
हर कोई था प्यारा
पर अब
रिश्ते नाते भूल कर
पैसे कमाने में
बीत रहा जीवन तेरा
इससे तो अच्छा था
बचपन मेरा

बलबीर सिंह वर्मा “वागीश”
गॉंव – रिसालियाखेड़ा
जिला – सिरसा (हरियाणा)

Leave A Reply

Your email address will not be published.