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रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ

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रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ

आजा तै रधिया बीरीज बन मा ओ
रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ २
झन तै लुकाना मधुबन मा ओ
रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ २

तोर बर लाने हावौं मया रंग ला घोर के
झन तैह जाना राधा अइसे मोला छोड़ के
धरे हावौं पींवरा नीला रंग अउ गुलाल ओ
रंगबो रंगाबो दुनो़ फगुआ के हे साल ओ
तैहर आजा हो मोरेच सन मा ओ
रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ २

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चंदा अउ सुरूज घलो हमरेच संग हे
धरती अगास जइसे रंगे एके रंग हे
डोंगरी पहाड़ी रुखवा फगुवा राग गावय
कोयली हा कुहकी मारय पुरवा लहरावय
हिरदे के भीतरी मा छागे हे उमंग ओ
रंग देहूं तोला अपन रंग मा ओ२

माते हावय नर नारी सुमत रंग चढ़ाके
अमर होगे तोषण हा होरी गीत ला गाके
तोर मोर पीरीत ला जन जन हा गावय
रही दुनिया मा अमर गीत गोहरावय
नाचबो नचाबो गाबो एक धुन मा ओ
रंग देबो सबला अपन रंग मा ओ २

गीतकार
तोषण चुरेन्द्र ” दिनकर “
धनगांव डौंडीलोहारा
बालोद छत्तीसगढ़

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