कवि बन जाता है… – अभिषेक श्रीवास्तव “शिवाजी”
कवि बन जाता है...
कविता को भान कर, सच झूठ जान कर,रचना समझ कर , कवि बन जाता है...घटा और बादलों को,मेघ संग वादलों को,अंधेरे को चीर कर , कवि बन जाता है...छंद कई पढ़ता है, प्रेम गीत गढ़ता है,तब वो रत्नाकर, कवि बन जाता है...कविता में ओज…
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