Send your poems to 9340373299

भाईचारा

द्वेष दम्भ भूलकर अपनाएँ भाईचारा । होगा खुशहाल तभी ये देश हमारा। विश्वास की गहरी नींव बनाकर, चलो कटुता मन की काटे। न बने किसी के दुख की वजह फूल खुशियों के बाँटें। हमारी संस्कृति यही सिखाती पूरा विश्व है एक परिवार। बैर ईर्ष्या उन्नति में बाधक…
Read More...