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नव वर्ष का स्वागत करें

नव वर्ष का स्वागत करें भुलाकर शिकवा गिलेनव वर्ष का स्वागत करें आया नववर्ष हमारे द्वारदस्तक दे रहा बारम्बारबीते बरस की बातों कोहम दें अब तो बिसारनये विचारों का नवागत करें ।।1नववर्ष का स्वागत करें ••• बाँटे खुशियाँ आपस मेंहो बस…
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भाई दूज पर कविता

भाईदूज विशेष: एक सैनिक की भाई दूज जब वह बहन के पास नहीं आ पाता तो अपनी बहन के पास ये पैगाम भेजता है जिसे कवयित्री अनिता मंदिलवार सपना ने कविता के माध्यम से व्यक्त की है
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विश्व पर्यावरण दिवस पर दोहे

विश्व पर्यावरण दिवस पर दोहे सरिता अविरल बह रही, पावन निर्मल धार ।मूक बनी अविचल चले, सहती रहती वार ।। हरी-भरी वसुधा रहे, बहे स्वच्छ जलधार ।बनी रहे जल शुद्धता, धुलते सकल विकार ।। नदियाँ है संजीवनी, रखलो इनको साफ ।नदियाँ गंदी जो हुई,…
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फिर दिखे रास्ते के भिखारी क्यों

फिर दिखे रास्ते के भिखारी क्यों एक लड़की दीन, हीन और दुखिया,खाक पर बैठी हुई है दिल-फ़िगार ।चीथड़ो से उसका जिस्म है ढँका हुआ,कायनाते-दिल में है प्रलय मचा हुआ ।आँख में नींद का है हल्का खुमार,कुंचित अलकों पर है गर्द -गुबार ।एक कुहना है…
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जल पर दोहे

जल पर दोहे अब अविरल सरिता बही , निर्मल इसके धार ।मूक अविचल बनी रही, सहती रहती वार ।। वसुधा हरी-भरी रहे, बहता स्वच्छ जलधार ।जल की शुद्धता बनी रहे, यही अच्छे आसार ।। नदियाँ है संजीवनी, रखे सब उसे साफ ।जो करे गंदगी वहाँ, नहीं करें अब…
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फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात

फागुन में पलाश है रंगों भरी दवात फागुन में पलाश है, रंगों भरी दवात ।रंग गुलाबी हो गया, इन रंगों के साथ ।।अँखियों से ही पूछ गया, फागुन कई सवाल ।ख्बावों का संग पा लिया, ये नींदें कंगाल ।।पलट-पलट मौसम तके, भौचक निरखें धूप ।रह-रहकर चित्त…
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समझदार बनो

समझदार बनो कहते हैं बड़े बुजुर्गसमझदार बनोजब बेटियाँ चहकती हैंघर के बाहरखिलखिलाती हैंउड़ना चाहती हैंपंख कतर दिये जाते हैंकहा जाता हैतहजीब सीखोसमझदार बनो !जब वह बराबरीकरती दिखती भाई कीउसे एहसासदिलाया जाता है कितुम लड़की होतुम्हें उड़ने…
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जय हिंद जय भारत

जय हिंद जय भारत जय हिंद जय भारतमाँ का आँचलरक्त रंजित हैआतंक के औजारों सेधुल जाए ।लहू का कतरा कतराहमें वो मरहम बनना हैदेश के खातिरमिट जाए हम।वही तीरबस तरकश मेंगूँज उठेपैगाम अमन काऐसी प्राचीर बनना है ।जय हिंद जय भारतजन जन का ये गान…
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बसंत तुम आए क्यों

बसंत तुम आए क्यों ? माघ शुक्ल बसंत पंचमी Magha Shukla Basant Panchami मन में प्रेम जगाये क्यों?बसंत तुम आए क्यों ? सुगंधो से भरीसभी आम्र मंजरीकोयल कूकती फिरेइत्ती है बावरीसबके ह्रदय में हूक उठाने मन में प्रेम जगाये क्यों?बसंत…
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