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गुरु ज्ञान का सागर -रुपेश कुमार

गुरु ज्ञान का सागर जीवन की सबसे पहले गुरु ,माता पिता होते है ,जीवन में गुरु का नाम ,सबसे ऊंचा होता है ,गुरु जीवन में मेरे ,साइकिल के पहिए जैसा होते है ,गुरु ज्ञान का सागर ,गुरु महासागर होते है !गुरु बिन ज्ञान हमें नहीं ,कभी नहीं है…
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हिंदी मेरी भाषा -रूपेश कुमार

हिन्‍दी दिवस 14 सितम्बर को  देशभर में मनाया जाता है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में हिन्‍दी को देश की राजभाषा के रूप में स्‍वीकार किया था। हिन्‍दी विश्‍व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में एक है और 52 करोड से…
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रोशनी पर कविता -रूपेश कुमार

रोशनी पर कविता प्यार का दीपक ज़लाओ इस अंधेरे मे ,रुप का जलवा दिखाओ इस अंधेरे मे ,दिलो का मिलना दिवाली का ये पैगाम ,दुरिया दिल का मीटाओ इस अंधेरे मे ! अजननी है भटक न ज़ाए कही मंजिल ,रास्ता उसको सुझाओ इस अंधेरे मे ,ज़िन्दगी का सफर है…
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