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रंग इन्द्रधनुष

रंग इन्द्रधनुष ..... धरती का हरापन सदा से बुलाते रहे मुझेमैं उसके आँचल में दूब बनकर पसर गया ,नीला विस्तृत आकाश हुर्र बुलाता रहा मुझेमैं उसमें घुसकर नीलकंठ हो गया ,मैं उनकी गली के गुलाबी रंग बीचप्रेम प्याला पीकर महक गया ;युवा बसंत को…
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बसन्त की सौगात – रमेश कुमार सोनी

बसन्त की सौगात - रमेश कुमार सोनी शरमाते खड़े आम्र कुँज में कोयली की मधुर तान सुन बाग-बगीचों की रौनकें जवां हुईंपलाश दहकने को तैयार होने लगे पुरवाई ने संदेश दिया कि-महुए भी गदराने को मचलने लगे हैं। आज बागों की कलियाँ उसके आने से सुर्ख हो…
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नारी पर कविता – रमेश कुमार सोनी

नारी पर कविता - रमेश कुमार सोनी सिर पर भारी टोकरा टोकरे में है - भाजी , तरकारी झुण्ड में चली आती हैं सब्जीवालियाँ भोर , इन्हीं के साथ जागता है मोहल्ले में ; हर ड्योढ़ी पर मोल - भाव हो रहा है उनके दुःख और पसीने का । लौकी दस और भाजी बीस…
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कवि रमेश कुमार सोनी की कविता

कवि रमेश कुमार सोनी की कविता Table of Contentsकवि रमेश कुमार सोनी की कविताबसंत के हाइकु - रमेश कुमार सोनीबसन्त की सौगातकोई आखिरी दिन नहीं होताजूड़े का गुलाबखिड़की-रमेश कुमार सोनीअक्षय पात्र -रमेश कुमार सोनीसाइकिलों पर घर बधाई हो…
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पेड़ बुलाते मेघ -हाइकु संग्रह की समीक्षा , हाइकुकार-रमेश कुमार सोनी एवं समीक्षक-डॉ.पूर्वा…

हाइकु एक जापानी विधा की लेखन शैली है जिसमें कविता का होना अनिवार्य होता है.यह मेरा दूसरा हाइकु संग्रह है.इसकी भूमिका वरिष्ठतम हाइकुकार डॉ.सुधा गुप्ता जी -मेरठ ने लिखी है.
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झूला झूले फुलवा- ताँका संग्रह की समीक्षा

मेरी यह पुस्तक -' झूला झूले फुलवा ' - हिंदी ताँका की विश्व मे पहली इ पुस्तक है। इसकी समीक्षा ज्योत्सना प्रदीप -विख्यात साहित्यकार ने की है। ताँका एक जापानी शैली की रचना विधा है ।
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कब्र की ओर बढ़ते कदम -रमेशकुमार सोनी

कब्र की ओर बढ़ते कदम पतझड़ में सूखे पत्ते विदा हो रहे हैंविदा ले रहे हैं, खाँसती आवाज़ें ज़माने सेकुछ पल जी लेने की खुशी सेवृद्धों का झुंड टहलने निकल पड़ा हैदड़बों से पार्क की उदास बेंच की ओरउनकी धीमी चाल और छड़ी से चरमराते पत्ते सिसक पड़े…
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बंद का समीकरण -रमेश कुमार सोनी

बंद का समीकरण-रमेश कुमार सोनी बंद है दुकानें, कारोबारभारत बंद का हल्ला हैलौट रहे हैं मज़दूर, कामगारअपने डेरों की ओर खाली टिफिन,झोला लिए हुए,बंद हैं रास्ते, अस्पतालशहर का सूनापन चुभ रहा है मुझेभूख का भेड़ियाबियाबान खामोशी फैलाकरलौट गया है…
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राख विषय पर हाइकु -रमेश कुमार सोनी

राख विषय पर हाइकु- रमेश कुमार सोनी hindi haiku || हिंदी हाइकु 1 मोक्ष ढूंढने चला - चली की बेला राख हो चला ।। 2 राख का डर जिंदगी ना रुकती मौत है सखी ।। 3 पानी जिंदगी अग्नि , राख की सखी नहीं निभती ।। 4 राख बैठे हैं भूखे -…
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