भारत सब से न्यारा दुलारा

भारत सब से न्यारा दुलारा

भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,
मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

सन सैंतालिस मास अगस्त था, तारिख पन्द्रह प्यारी,
आज़ादी जब हमें मिली थी, भोर अज़ब वो न्यारी।
चारों तरफ खुशी थी, छायी हुई हँसी थी,
ये पर्व हम मनाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

आज़ादी के नभ का यारों, मंजर था सतरंगा,
उतर गया था जैक वो काला, लहराया था तिरंगा।
भारत की जय थी गूँजी, अनमोल थी ये पूँजी,
सपने नये सजाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

बहुत दिये बलिदान मिली तब, आज़ादी ये हमको,
हर कीमत दे इसकी रक्षा, करनी है हम सबको।
दुश्मन जो सर उठाएँ, उनको सबक सिखाएँ,
मन में यही बसाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

भारत तु जग से न्यारा, सब से तु है दुलारा,
मस्तक तुझे झुकाएँ, तेरे ही गीत गाएँ।।

बासुदेव अग्रवाल ‘नमन’
तिनसुकिया

 इस पोस्ट को like करें (function(d,e,s){if(d.getElementById(“likebtn_wjs”))return;a=d.createElement(e);m=d.getElementsByTagName(e)[0];a.async=1;a.id=”likebtn_wjs”;a.src=s;m.parentNode.insertBefore(a, m)})(document,”script”,”//w.likebtn.com/js/w/widget.js”);
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद

Leave A Reply

Your email address will not be published.