भले ही न आए लक्ष्मी

आशंका है मुझे,
कार्तिक मास की
अमावस को
लक्ष्मी के आने की।
लोगों ने
इतनी लड़ियाँ लगाई
लक्ष्मी को लेकर।
कैसे आ पाएगा
उसका वाहन उल्लू?
चुंधिया जाएंगी
उसकी आँखें
लड़ियों के प्रकाश से।
डर जाएगा उल्लू
आतिशबाजी की
कानफोड़ू ध्वनि से।
वह हो जाएगा बेहोश
आतिशबाजी के धुंए से।
इसलिए ही
मैंने नहीं लगाई लड़ियाँ।
नहीं फूंके पटाखे
नहीं की आतिशबाजी
नहीं खाई
मिलावटी मिठाई।
भले ही न आए लक्ष्मी
जो पास है
वह तो न जाए।
-विनोद सिल्ला
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