भारत वतन मिले -केवरा यदु”मीरा”

भारत वतन मिले

हे प्रभू धरा पर  जब जब जनम मिले।
भारत वतन मिले भारत वतन मिले।

राम कृष्ण गौतम गांधी का है देश।
घर घर में हो रामायण गीता का  हो संदेश।
सूर मीरा तुलसी  कबीरा   मिले।      

भारत वतन——

गूँजे वेद की   श्रृचाएं मंदिर  की घंटियाँ।
उतुंग  हिमालय   की  है ऊँची  चोटियाँ।
गंगा यमुना  गोदावरी की संगम मिले।।

भारत वतन———

खेतों की हरियाली  हो केसर की हो क्यारी।
जहाँ ईद हो कृसमस हो और होली दिवाली।
जहाँ गीता  के संग संग कुरान  भी गूँजे।।

भारत वतन——-

तिरंगे का केशरिया रंग सौर्य संदेश सुनाये।
श्वेत रंग  शांति का  गीत  है गाये।
हरा से हरियाली   चंहुओर  हो  खिले।।

भारत  वतन———

यहाँ मंदिर  मस्जिद  है  और शिवालय ।
लाल किला ताजमहल   और हिमालय।
यहाँ चैनो  अमन का  संदेश   भी  मिले।।

भारत वतन मिले  भारत वतन मिले।
हे प्रभू  धरा पर जब जब जनम मिले।
भारत वतन मिले भारत वतन मिले।

केवरा यदु”मीरा”

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