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चोका
चोका जापानी कविता की एक शैली है। ये लम्बी कविताएँ हैं। जापान के सबसे पहले कविता-संकलन मान्योशू में २६२ चोका कविताएँ संकलित हैं, जिनमें सबसे छोटी कविता ९ पंक्तियों की है। चोका कविताओं में ५ और ७ वर्णों की आवृत्ति मिलती है। अन्तिम पंक्तियों में प्रायः ५, ७, ५, ७, ७ वर्ण होते हैं।
IN ENGLISH,
Choka is a genre of Japanese poetry. These are long poems. Manyoshu, the first poetry collection of Japan, has 242 choka poems, the shortest poem being 6 lines. Frequency of 5 and 4 characters is found in Choka poems. The last lines usually have 5, 4, 5, 6, 6 characters.
चोका: कहाँ मेरा पिंजर
*चोका 1*
कहाँ मेरा पिंजर ?
★★★★★
उड़े विहंग~
नाप रहे ऊंचाई।
धरा से नभ
जुदा व तनहाई।
तलाश जारी
सही ठौर ठिकाना।
मन है भारी
भूल चुके तराना।
जिद में पंछी
आशिया बनाने…
चोका: संग मेरे रहना
चोका:संग मेरे रहना
सीख गये हैं
तुझे प्यार करके
सब लोगों से
अब प्यार करना
जान गये हैं
बयां हाल ए दिल
नहीं मुश्किल
ऐतबार करना
उलझा था मैं
जबसे तुझे मिला
जान गया…
चोका: काव्य गढ़ता गया
चोका:काव्य गढ़ता गयालिखता गयामन के आवेगों कोअपना दर्दकम करता गया।मैं नाकाम हूँजीवन के पथ मेंशब्दों से चित्रबस खींचता गया।उभरते हैंमेरे हृदय तलप्रेम व पीड़ा!-->!-->!-->…
चोका: अब दर्द ही सिला
चोका: अब दर्द ही सिला★★★★★★★ढुंढता रहाबीच शहर छाया,वृक्षों की साया।कहीं भी नहीं मिलाकैसी दुविधा?यहाँ सुख सुविधा शांति न लायामन पुष्प ना खिलाये जीवन!-->!-->!-->…
चोका – बन प्रकाश
चोका -बन प्रकाश★★★★★टिमटिमातादूर से मैं प्रकाशमूक मौन साफिर भी हूँ बताताअभी नहीं हैअंधेरे का साम्राज्यपूरी तरह...ये लौ, मेरा होनाउम्मीद रखमरते दम तकजलना!-->!-->!-->…
चोका – हमशक्ल
चोका:- हमशक्लदूर वो कौन ?हमशक्ल सा मेरा एक बालकजो दिखता मुझसा हर आदतेंहरकतें व बातेंमुझपे जातीफिर अकस्मात सेसूरत छाती।वो जाना पहचानापिया सांवलीजिसे छोड़!-->!-->!-->!-->!-->…
चोका- मेरा चांद
चोका:-मेरा चांदजगता रहा मेरा चांद ना आया छत है सुनाये दिल घबराया आंखें तांकतीएक दूजा चांद कोवह कहती कैसा तेरा चांद वोवादा मुकरेसारी रात जगाए विरह पल!-->!-->!-->…
चोका: 8 मैं जमीन हूँ
चोका:-मैं जमीन हूँ★★★★★मैं जमीन हूँमात्र भूखंड नहींजो है दिखता।मुझमें पलते हैंवन ,खदानमरूस्थल,मैदान ताल, सरिताखेत व खलिहानअन्न भंडारबसी जीव संसारअमृत!-->!-->!-->…
चोका – कौन है चित्रकार ?-मनीभाई”नवरत्न”
चोका:-
कौन है चित्रकार ?
★★★★★★★
खुली आंखों से
मैं खड़ा निहारता
विविध चित्र।
कौन है चित्रकार ?
कल्पनाशील
ये धरा,नदी,वन
विविधाकाय
किसकी अनुकृति
अंतर लिए
अंचभित…
चोका : फूल व भौंरा
*चोंका*
फूल व भौंरा
★★★★★
बसंत पर
फूल पे आया भौरा
बुझाने प्यास।
मधुर गुंजन से
भौरा रिझाता
चूसता लाल दल
पीकर रस
भौंरे है मतलबी
क्षुधा को मिटा
बनते…