
इन्हें भी पढ़ें
CLICK & SUPPORT
चैत्र मास संवत्सर परिवा बरस प्रवेस भयो है आज।
कुंज महल बैठे पिय प्यारी लालन पहरे नौतन साज॥१॥
आपुही कुसुम हार गुहि लीने क्रीडा करत लाल मन भावत।
बीरी देत दास परमानंद हरखि निरखि जस गावत॥२॥
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.
CLICK & SUPPORT
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.