चन्द्रभान ‘चंदन’ के द्वारा सजाये गये बेहतरीन शेरों का मज़ा लीजिये….
बेहतरीन शेरों का मज़ा
इरादा क़त्ल का हो और आँखों में मुहब्बत हो,
भला इस मौत से चन्दन कोई कैसे मुकर जाए..
कभी लगता था बिन तेरे मुक़म्मल दिन नहीं होगा,
अधूरी शाम तेरे नाम लिखकर जी रहे हैं हम…
कि एक तुम हो जिसे परिंदों के प्यास पे भी तरस नहीं है,
मैं कतरा कतरा बचा के उनके लिए समंदर बना रहा हूँ..
चल सके जो कई मील सबके लिए,
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अब ज़माने में वो काफ़िला ही नहीं
मेरी माँ के हथेली में रखे सर सो गया मैं,
बड़े बेचैनियों के बाद कल आराम आया
तेरे फ़ितरत, मेरे ईमान में बस फ़र्क़ था इतना,
मुझे बस याद रखना था, तुझे बस भूल जाना था
इससे ज्यादा और क्या किसी को सज़दे में रखना
उसकी तस्वीर हमेशा अपने बटवे में रखना
अगर बोलूँ किसी से कुछ तो लहज़े में मुहब्बत हो
मेरे कुल के बुज़ुर्गों ने सिखाया है अदब क्या है
©चन्द्रभान ‘चंदन’
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