चोका:- नारी तू खास है
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हर युद्ध का
जो कारण बनता
लोभ, लालच
काम ,मोह स्त्री हेतु
पतनोन्मुख
इतिहास गवाह
स्त्री के सम्मुख
धाराशायी हो जाता
बड़ा साम्राज्य
शक्ति का अवतार
नारी सबला।
स्त्री चीर हरण से
कौरव नाश
महाभारत काल
रावण अंत
सीता हरण कर
स्त्री अपमान
हर युग का अंत।
आज का दौर
नारी सब पे भारी
गर ठान ले
दिशा मोड़े जग का
सहनशील
प्रेम त्याग की देवी
धैर्य की धागा
बांधकर रखती
देवों का वास
तेरे आस पास है।
हे नारी तू खास है।

✍मनीभाई”नवरत्न”

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