दे दी हमें आजादी पर कविता
दे दी हमें आजादी पर कविता
दे दी हमें आजादी तो ,
भुला देंगे क्या उनको l
रहने को न मिला चैन से,
हिन्दोस्तां में जिनको ll
खाईं जिन्होंने गोलियाँ ,
अनाज के बदले I
हँस फाँसी स्वीकारी ,
सुख – चैन के बदले ll
गिल्ली , मैच , ताँश न भायी ,
खेल किया बन्दूक से l
दुश्मन मुक्त कराया भारत ,
खून किया जब खून से ll
पड़ा मूलधन ब्याज चुकी न ,
नमन करें हम उनको l
रहने को न मिला चैन से ,
हिन्दोस्तां में जिनको ll
जरा निकलकर बाहर आओ ,
अपनी इस तस्वीर से I
उस भारत को फिर से देखो ,
सींचा जिसको खूँ – नीर से ll
नशा भयंकर बिना मधु के ,
आजादी के खातिर l
कभी नींद औ भूख लगी न ,
राष्ट्र भक्ति के शातिर ll
आओ ‘माधव’ तुम्हें बुलाता ,
नत मस्तक है उनको l
रहने को न मिला चैन से ,
हिन्दोस्तां में जिनको Il
#रचनाकार
#सन्तोष कुमार प्रजापति “माधव”
#कबरई जिला – महोबा ( उत्तर प्रदेश )