दीया बन प्रकाश करे-मदन सिंह शेखावत
दीया बन प्रकाश करे, हटाए अंधकार ।
जग मे सुन्दर काम कर,कुसमित हो संसार ।
कुसमित हो संसार ,अन्धेरा रह न पाये।
ज्ञान की लौ लगाय,तिमिर को दूर भगाये।
कहै मदन कविराय, संसार से खुब लीया ।
सुन्दर करके काज,जले खुद बनकर दीया।।
जीवन मे उत्साह हो,घर घर मंगलाचार ।
तभी सार्थक दिपावली,बदले सब व्यवहार।
बदले सब व्यवहार,मदद के हाथ बढाये।
खुशियो का उपहार, दीन के घर पहुचाये
कहै मदन कविराय,खुशिया बहुत है मन मे।
मिल कर सभी मनाय, बांटले सब जीवन मे।
मदन सिंह शेखावत ढोढसर