दिल की बात बताकर देखो
दिल की बात बताकर देखो
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दिल की बात बताकर देखो
मन में दीप जलाकर देखो।
कौन किसी को रोक सका है
नाता खास निभाकर देखो।
आँखों की बतिया समझो तो
लब पर मौन सजाकर देखो।
इश्क़ सफ़ीना सबका यक सा
थोड़ा पार लगाकर देखो।
लोग जगत सब मैला यारों
मन का वहम मिटाकर देखो।
रब का एक नज़रिया सब पर
ऐसा भाव जगाकर देखो।
✒कलम से
राजेश पाण्डेय अब्र
अम्बिकापुर
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद