एक दीप जलाएं उनके नाम

दीपक

लड़ियां
दीपों की ,
जले चारो ओर ,
आज हुई जगमग ,
रोशन दिवाली ।

चहुँओर चेहरों पर
जलते दीपों सी जगमग ,
चहुंओर देखो
खुशचेहरों की खुशहाली ।

मांवस रात भी ,
लगे पूनम चमकती
काली है फिर भी,
लगे भरपूर उजियाली।

पर जिनसे यहाँ पर है,
हर घर में उजली रौनक,
उनका घर ,
क्यों आज लगता ,
दुनियां की खुशियों से
एकदम ही खाली..??

परिवार से दूर ,
वो बैठ सरहद पर ,
बन्दूक लिए हाथ ,
है आज भी मुस्तेद ,
करते हैं वो सब ,
भारत माँ की रखवाली ।

कृतज्ञ बने ,
उनके प्रति आज,
उनको याद करके हम ,
सो गये जो जाकर ,
करके ,
माँ की गोद खाली ।

नमन करें हम ,
उन महान
वीर शहीदों को,
जिनके घर आज हुई,
सूनी और केवल
अंधियारी दीवाली।

चलो ,
एक दीप जलाएं ,
उनके लिए खुशियों का,
कर उनके नाम अर्पण ,
देकर दुवाएं ,
मिले सौगाते खुशियों की ,
हर रात बने उनकी भी ,
खुश जगमग दिवाली।

तब ही हो भारत का,
हर घर-घर सुरक्षित ,
दीपों की जगमग से बढ़ ,
होगी ‘ अजस्र ‘ खुशियों से
रोशन और चमकती दिवाली ।

डी कुमार अजस्र (दुर्गेश मेघवाल,बून्दी/राज.)

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *