गणेश विदाई गीत – डी कुमार-अजस्र

अनन्त चतुर्दशी की बधाई एवं अनन्त शुभकामनाओं सहित यह गणेश विदाई गीत लिखी गई है

गणेश विदाई गीत – डी कुमार-अजस्र

गणेश
HINDI KAVITA || हिंदी कविता

मूषक सवार हो के चले है गजानन ,
आज अपने भक्तों से विदा हो के ।
नाँचे और गाएँ ये भक्त मतवाले ,
गणपति की भक्ति में मगन हो के ।

झांकी है मनुहार , करे मेरा दिल पुकार ।
रह जाऊँ इनमें ही आज खो के …..
मूषक सवार हो के चले है गजानन ,
आज अपने भक्तों से विदा हो के ।
नाँचे और गाएँ ये भक्त मतवाले ,
गणपति की भक्ति में मगन हो के ।

डी जे (D J ) का होवे शोर ,देखो-देखो चहुँओर ।
कह दो ये दुनियां से कोई न रोके …..
मूषक सवार हो के चले है गजानन ,
आज अपने भक्तों से विदा हो के ।
नाँचे और गाएँ ये भक्त मतवाले ,
गणपति की भक्ति में मगन हो के ।

कर के सब का उद्धार,दे के सबको अपना प्यार ।
देते हैं आशीष ये खुश हो के …..
मूषक सवार हो के चले है गजानन ,
आज अपने भक्तों से विदा हो के ।
नाँचे और गाएँ ये भक्त मतवाले ,
गणपति की भक्ति में मगन हो के ।

आएंगे अगली बार ,वादा करते बार बार ।
जाते है गजानन अब विदा हो के ……
मूषक सवार हो के चले हैं गजानन ,
आज अपने भक्तों से विदा हो के ।
नाँचे और गाएँ ये भक्त मतवाले,
गणपति की भक्ति में मगन हो के ।
मूषक सवार हो के …..

डी कुमार-अजस्र (दुर्गेश मेघवाल, बून्दी/राज.)

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