गणपति अराधना

विघ्नहारी मंगलकारी
गणपति लीला अनेक-2

सज रहे हैं मंडप प्रभु
बज रहे हैं देखो ताल
झूम रहे हैं भक्त तुम्हारे
प्रभु कर उनका उद्धार
विघ्नहारी…………….
गणपति…………..2

Ganeshji
गणेशजी

हर घर में तेरी छवि प्रभु
तू ही सबका तारण हार
दुखियों की झोली भर दे
प्रभु कर इतना उपकार
विघ्नहारी……………..
गणपति……………..2

जल रहे हैं दीपक प्रभु
मिट रहा है अंधकार
तेरे ही गुणगान से आज
गूंज रहा देखो संसार
विघ्नहारी…………
गणपति…………….2

Comments

  1.  Avatar
    Anonymous

    Very nice

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *