कविता
- विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक
- महान जननायक / अकिल खान.
- श्रीराम नवमी पर कविता
- 13 अप्रैल जलियांवाला बाग नरसंहार दिवस पर हिंदी कविता
- बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान
- विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर एक कविता
- होली में धूम मचायेंगे /डॉ रामबली मिश्र
- आत्म निर्भर भारत/हरि प्रकाश गुप्ता, सरल
- विश्व कविता दिवस/मंजूषा दुग्गल
- कवि और कविता/सुशी सक्सेना
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हिंदी ग़ज़ल
यह अरबी साहित्य की प्रसिद्ध काव्य विधा है । संगीत के क्षेत्र में इस विधा को गाने के लिए इरानी और भारतीय संगीत के मिश्रण से अलग शैली निर्मित हुई।
अरबी भाषा के ‘ग़ज़ल’ शब्द का अर्थ है औरतों से या औरतों के बारे में बातें करना।
ग़ज़ल एक छोटी कविता है जिसमें तुकबंदी करने वाले जोड़े होते हैं, जिन्हें कहा जाता है बेअत या शेर. अधिकांश ग़ज़ल सात और बारह के बीच होती हैं
It is a famous poetic genre of Arabic literature. In music, this genre was created by mixing Iranian and Indian music to sing this genre.
The word ‘Ghazal’ in Arabic means to talk to women or about women.
आलसी पर कविता
आलसी पर कवितामेरे अकेले में भी कोई आसपास होता है।तुम नहीं हो पर तुम्हारा आभास होता है।1।बिखर ही जाता…
पुरानी यादो पर ग़ज़ल
पुरानी यादो पर ग़ज़लभुला बैठे थे हम जिनको वो अक्सर याद आते हैंबहारों के हसीं सारे वो मंज़र याद आते हैंरहे…
ग़ज़ल – रात भर बैठ कर
ग़ज़ल - रात भर बैठ करघात काटी गई रात भर बैठ कर ।याद काटी गई रात भर बैठ कर ।।इश्क पर बंदिशें साल दर साल…
गजल का अर्थ क्या है व इसके नियम / ग़ज़ल कैसे लिखें ( How to write GAZAL)
यहाँ हम आपको " ग़ज़ल कैसे लिखें/गजल का अर्थ क्या है व इसके नियम क्या हैं " के बारे में बताने वाले हैं जिसे विभिन्न…
मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है
मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता हैजिसे चाहो नज़र से वो ही अक्सर दूर होता हैमुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर…
गर्दिश में सितारे हों
गर्दिश में सितारे होंगर्दिश में सितारे हों जिसके, दुनिया को भला कब भाता है,वो लाख पटक ले सर अपना, लोगों से सज़ा…
मौत का कुछ तो इंतज़ाम करें
मौत का कुछ तो इंतज़ाम करेंमौत का कुछ तो इंतज़ाम करें,नेकियाँ थोड़ी अपने नाम करें।कुछ सलीका दिखा मिलें पहले,बात…
दिल की बात जुबाँ पे अक्सर हम लाने से डरते हैं
दिल की बात जुबाँ पे अक्सर हम लाने से डरते हैंदिल की बात जुबाँ पे अक्सर हम लाने से डरते हैंकहने को तो हम कह…
बना है बोझ ये जीवन कदम
बना है बोझ ये जीवन कदम(मुज़तस मुसम्मन मखबून)बना है बोझ ये जीवन कदम थमे थमे से हैं,कमर दी तोड़ गरीबी बदन झुके…