गुड़िया पर बाल कविता
गुड़िया पर बाल कविता
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गुड़िया मेरी रानी है,
बन्नो बड़ी सयानी है।
गुन-गुन गाना गाती है,
ता-थई नाच दिखाती है।
हँसती रहती है दिन रात,
करती है वह मीठी बात।
ठुमक ठुमक कर आती है,
कंधे पर चढ़ जाती है।