मैं बत्तीसी लाया -हिंदी हास्य कविता

आज शाम अंकल जी निकले
बनठन जब महफ़िल में पहुँचे।
हस हस कर वो स्वागत करते
जनम दिन का बधाई भीलेते।
केक सजे, गुब्बारे सजे
बच्चे ले रहे है खूब मजे
बच्चे ले एक आंटी आई
गुब्बारे को खींच लगाई।
हुआ अजीबो गरम् माहौल
गिराअंकल चढ़ गया खौफ
बत्तीसी उनका हो गई गुम
अंकल का सिटी पिट्टी गुम।
तभी चूहों की रैली निकली
अंकल के ले गए बत्तीसी।
मुन्ना अंकल जी को उठाया
पचका चेहरा,वो शरमाया।
बजने लगी तालियां खूब
जनम दिन में ऐसी हुई चूक
मुन्ना भागा भागा आया
एक करिश्मा वो बतलाया।
मुक्का दे चूहों को छकाया
वापस मैं बत्तीसी लाया।।
माधुरी डड़सेना
न .प. भखारा छ. ग.