कविता
- विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर एक कविता
- होली में धूम मचायेंगे /डॉ रामबली मिश्र
- आत्म निर्भर भारत/हरि प्रकाश गुप्ता, सरल
- विश्व कविता दिवस/मंजूषा दुग्गल
- विश्व कविता दिवस/सुशी सक्सेना
- विश्व कविता दिवस/डॉ0 रामबली मिश्र
- पर्यावरण दिवस मना रहे/मंजूषा दुग्गल
- दुषित है पूरा संसार/कामरान
- दौलत/डॉ0 रामबली मिश्र
- नन्हा मुन्ना राही हूँ देश का सिपाही हूँ बाल गीत
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हिंदी कविता
कविता’ साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो। अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है.
Kavita ‘is the genre of literature in which a sentiment is artistically expressed by a language. Poetry is the syntax that makes the mind complete with emotions. That is, in which imagination and emotions are effected by the chosen words.
पालन अपना कर्म करो
पालन अपना कर्म करोपाया जीवन है मनुष्य का,पालन अपना कर्म करो ।जीव जंतुओं पशु पक्षी पर, व्यहार को अपने नर्म करो…
हे सुरूज देंवता अतका झन ततिया
हे सुरूज देंवता अतका झन ततियाहे सुरूज देंवता अतका झन ततिया।तोर हाँथ जोरत हँव तोर पाँव परत हँव आगी झन…
मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता है
मुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर होता हैजिसे चाहो नज़र से वो ही अक्सर दूर होता हैमुहब्बत में ज़माने का यही दस्तूर…
गर्दिश में सितारे हों
गर्दिश में सितारे होंगर्दिश में सितारे हों जिसके, दुनिया को भला कब भाता है,वो लाख पटक ले सर अपना, लोगों से सज़ा…
नज़र आता है
नज़र आता हैहर अक्स यहाँ बेज़ार नज़र आता है,हर शख्स यहां लाचार नज़र आता है।जीने की आस लिए हर आदमी अब,मौत का…
कब कैसे क्या बोले ?
कब कैसे क्या बोले ?वाणी एक दुधारू तलवार की तरह है।उचित प्रयोग करे तो अच्छा,नहीं तो बुरा।अपनी भावनाओं को व्यक्त…
कर्मठता की जीत
कर्मठता की जीतस्वाभिमान मजबूत है , पोषण का है काज ।बैठ निठल्ला सोचता , बना भिखारी आज ॥लाचार अकर्मण्यता…
आओ सब मिल कर संकल्प करें
आओ सब मिल कर संकल्प करेंआओ सब मिल कर संकल्प करें।चैत्र शुक्ल नवमी है कुछ तो, नूतन आज करें।आओ सब मिल कर संकल्प…
हां मै कवि हूं
हां मै कवि हूं जीने की राह दिखाता हूं।अपनी लेख से,लोगो को जगाता हूं।हा मै कवि हूं………रूठे मन को मनाता हूं।हास्य…
नमन हे विश्ववन्दनीय महावीर
नमन हे विश्ववन्दनीय महावीरत्याग और अहिंसा की मूर्ति है महावीर।क्षमा और करूणा का सागर है महावीर।दर्शन ज्ञान…