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कविता
- बिटिया के मुखड़े पर धवल मुस्कान
- आज बेटी किसी की बहू
- माँ पर कविता हिंदी में
- विश्व पृथ्वी दिवस / देवेन्द्र चरन खरे आलोक
- महान जननायक / अकिल खान.
- श्रीरामनवमी पर कविता
- 13 अप्रैल जलियांवाला बाग नरसंहार दिवस पर हिंदी कविता
- बस कर भगवन / शिवराज सिंह चौहान
- विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर एक कविता
- होली में धूम मचायेंगे /डॉ रामबली मिश्र
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हिंदी कविता
कविता’ साहित्य की वह विधा है जिसमें किसी मनोभाव को कलात्मक रूप से किसी भाषा के द्वारा अभिव्यक्त किया जाता है। काव्य वह वाक्य रचना है जिससे चित्त किसी रस या मनोवेग से पूर्ण हो। अर्थात् वह जिसमें चुने हुए शब्दों के द्वारा कल्पना और मनोवेगों का प्रभाव डाला जाता है.
Kavita ‘is the genre of literature in which a sentiment is artistically expressed by a language. Poetry is the syntax that makes the mind complete with emotions. That is, in which imagination and emotions are effected by the chosen words.
1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्न
1मार्च शून्य भेदभाव दिवस पर कविता / मनीभाई नवरत्नशून्य भेदभाव दिवस पर, हम एक हो जाएँ ,पूरा विश्व एकजुट, सुबह…
कविता : छत्तीसगढ़ के धरना का इतिहास पर चौपाई / आशा आज़ाद
कविता : छत्तीसगढ़ के धरना का इतिहास पर चौपाई / आशा आज़ाद छत्तीसगढ़ कवितासन् 1995 से पृथक राज्य अखंड धरना…
जलती धरती / भावना मोहन विधानी
जलती धरती / भावना मोहन विधानीवृक्ष होते हैं धरती का सुंदर गहना,हरियाली के रूप में धरा ने इसे पहनाहरे…
जलती धरती/चन्दा डांगी
जलती धरती/चन्दा डांगीJALATI DHARATIबचपन मे हमने देखीहर पहाड़ी हरी भरी नज़र आता नही पत्थर कोई वहाँकटते गये…
जलती धरती /हरि प्रकाश गुप्ता सरल
जलती धरती /हरि प्रकाश गुप्ता सरलJALATI DHARATIधरती जलती है तो जलने दीजिए।पेड़ कटते हैं तो कटने दीजिए।।भले…
जलती धरती/शिव शंकर पाण्डेय
जलती धरती/शिव शंकर पाण्डेयJALATI DHARATIन आग के अंगार से न सूरज के ताप से।।धरा जल रही है, पाखंडियों के …
धरती माता /डा. राजेश तिवारी
धरती माता /डा. राजेश तिवारीधरती मेरी माँ है इसको स्वस्थ और स्वच्छ बनायें ।आओ इसकी रक्षा और सुरक्षा का…
जलती धरती/नीरज अग्रवाल
जलती धरती/नीरज अग्रवालपर्यावरण और वन उपवन हैं।जल थल जंगल हमारे जीवन हैं।जलती धरती बढ़ता तापमान हैं।मानव जीवन…
जलती धरती/नीरज अग्रवाल
जलती धरती/नीरज अग्रवालJALATI DHARATIसच तो यही जिंदगी कुदरत हैं।जलती धरती आकाश गगन हैं।हम सभी की सोच समझ…
वृक्ष लगाएं धरती बचाये/नीलम त्यागी ‘नील’
वृक्ष लगाएं धरती बचाये/नीलम त्यागी 'नील'पर्यावरण दिवस पर कविताआओ मिलकर पेड़ लगाएं…इस धरा को वसुंधरा…