होली त्यौहार पर 3 बेहतरीन हिंदी कविता – मनी भाई नवरतन
होली का त्यौहार भारत में फाल्गुन महीने के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह रंगों और खुशियों का त्यौहार है। इस पर मनीभाई ने हिंदी पर कविता लिखी हैं जो आपके समक्ष प्रस्तुत है
होली त्यौहार – मनी भाई नवरतन
गुलाल की बौछार है…होली का त्यौहार।
बंसत का श्रृंगार है…..होली का त्यौहार।
रिश्तों में हैं मिठास,और प्यार की फुहार।
अच्छाई की जीत और बुराई की है हार ।
पिचकारी की धार …
और रंगों का खुमार….
होली का त्यौहार है…येे होली का त्यौहार।
अंग अंग भीगे……हां रंग रंग जाये।
संग संग नाचे….चल संग संग गाये।
दुश्मनी भूलें और दोस्ती निभाये….
खुशियाँ मनायें चलो गम को भुलायें।
बेरंग ना रहे कोई भी तन…
रंग सजायें बनके चित्रकार….
होली का त्यौहार है…येे होली का त्यौहार।
होली का त्यौहार में होलिका का संहार।
होली का त्यौहार में जीते प्रहलाद कुमार ।
छाया रंगों का शुमार, भीग गया है संसार।
प्रेम की है फुहार , बसंती रंग का चढा खुमार ।।
ढोल-मांदल बाजे आज हरद्वार।
खुशियां देने आई ये होली का त्यौहार ।।
मनी भाई नवरतन
होली तो बहाना है – मनीभाई

पिया से मिलने जाना है।
ओ….हो..हो….
पिया से मिलने जाना है।
होली तो…बहाना है।
सबसे हसीन… सबसे जुदा
उससे रिश्ता …बनाना है।
पिया से मिलने जाना है…
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हाथों में तेरे….चुड़िया छन छन बजे।
पैरों में तेरे …पायलिया छम छम बजे।
रंग लगाके उसके गालों में…
और भी सजाना है।
होली तो…. बहाना है।
पिया से मिलने जाना है।
हरा गुलाबी…. लाल लगाऊंगा।
अपने हाथों से…. गुलाल लगाऊँगा
आंचल में उसके.. प्यार भीगाके
गले से उसे लगाना है।
होली तो … बहाना है।
पिया से मिलने जाना है।
मेरे प्यार में आज …. वो रंग जायेगी
मुझे गले लगाके …नहीं भूल पायेगी।
फागुन का महीना …प्रेम का महीना
प्रेम जताने में क्या शरमाना है?
होली तो….बहाना है।
पिया से मिलने जाना है।
होली के रंग है हजार – मनी भाई
होली के रंग है हजार,खिल जाये होठों में बहार।
यारा मेरे दिलदार,तुझ संग मिला मुझे प्यार॥
ये हमारी मस्तानी टोली,मीठी बोली,सूरतिया भोली।
लोगों को मिलाये ऐसी होली,पानी ने रंग को जैसे घोली।
होली के रंग में डुबा संसार,होली के रंग है हजार।
होली के रंग है हजार,खिल जाये होठों में बहार॥1॥
क्या जमीं के रंग?क्या आसमाँ के रंग?
मिल गया दोनों के रंग, आज होली के संग।
कोई ना बचा आज लाचार, होली के रंग है हजार।
होली के रंग है हजार,खिल जाये होठों में बहार॥2॥
हम पिया के दीवाने,कौन -सा रंग दें ना जानें।
सारा तन रंग से गीला, फिर भी दिल ना मानें।
होली है रंग की बौछार, होली के रंग है हजार।
होली के रंग है हजार,खिल जाये होठों में बहार॥3॥
(रचयिता:-मनी भाई)