होली का त्यौहार – मनी भाई नवरतन
होली का त्यौहार – मनी भाई नवरतन

गुलाल की बौछार है…होली का त्यौहार।
बंसत का श्रृंगार है…..होली का त्यौहार।
रिश्तों में हैं मिठास,और प्यार की फुहार।
अच्छाई की जीत और बुराई की है हार ।
पिचकारी की धार …
और रंगों का खुमार….
होली का त्यौहार है…येे होली का त्यौहार।
अंग अंग भीगे……हां रंग रंग जाये।
संग संग नाचे….चल संग संग गाये।
दुश्मनी भूलें और दोस्ती निभाये….
खुशियाँ मनायें चलो गम को भुलायें।
बेरंग ना रहे कोई भी तन…
रंग सजायें बनके चित्रकार….
होली का त्यौहार है…येे होली का त्यौहार।
होली का त्यौहार में होलिका का संहार। होली का त्यौहार में जीते प्रहलाद कुमार ।
छाया रंगों का शुमार, भीग गया है संसार।
प्रेम की है फुहार , बसंती रंग का चढा खुमार ।।
ढोल-मांदल बाजे आज हरद्वार।
खुशियां देने आई ये होली का त्यौहार ।।
मनी भाई नवरतन