होली पर कविता – रचना चेतन
कोविड महामारी के संकट में सतर्कता बरतते हुए होली कैसे मनाएँ
होली पर कविता – रचना चेतन

रंग, गुलाल, अबीर लिए, हर बार है होली आती
लेकिन सुनो इस बार की होली, होगी बड़ी निराली ।।
पिचकारी, गुब्बारे, रंग, उमंग और उत्साह
एक नई तरंग लिए, ये होली होगी कुछ खास ।।
रंग उड़े, गुलाल उड़े, पर रहना होगा सावधान
अपने संग अपनों की सेहत का, रखना होगा ध्यान ।।
कोरोना का खतरा टला नहीं है, अतः बनी रहे दो गज दूरी
गुजिया, नमकीन का स्वाद बढ़े, पर मास्क बहुत जरूरी ।।
सड़कों, चौबारों, मैदानों में हर साल, रंग बहुत उड़ाये
सबकी सुरक्षा के लिए इस बार, चलो होली घर में मनाएँ ।।
सेहत और खुशियों से भरी रहे, सब लोगों कि झोली
एक नया संदेश लिए, देखो आई है ये होली ।।
रचना चेतन
Nice poem