रामनाथ साहू ननकी के प्रीत पदावली में से एक रचना आपके समक्ष पेश है-

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हर पल होली दीवाली हो – रामनाथ साहू ननकी
हर पल होली दीवाली हो ।
मन को ही मंदिर सा कर लो ,
देव प्रतिष्ठित थाली हो
श्रद्धा पूरित भाव भरे हों ,
स्वीकृति दे दो न सवाली हो ।
मुख में मुस्कान सदा बिखेरो ,
हाथों में पूजा थाली हो ।।
हो आदर्श सुनिश्चित मति पर ,
तिकड़म छूटे न कुचाली हो ।
पुष्पांजलि सदा सुसज्जित हो
कर से सुदूर दूनाली हो ।।
मधुर शब्द स्वर सधे मजे से
करे प्रार्थना मत गाली हो ।
चरण दिव्य पथ चले निरंतर ,
कीर्तन करतल ताली हो ।।
अपना महत्व जाना जिस दिन ,
अद्भुत पल की हरियाली हो ।
उसी ज्ञान की हे मेरे दाता ,
आजीवन महा जुगाली हो ।।
—- रामनाथ साहू ननकी
*मुरलीडीह* *( छ. ग. )*