सलाम हुजूर तुझे मेरा सलाम
तेरे आशिकों के बही खाते में है अपना नाम ।
सलाम हुजूर तुझे मेरा सलाम
बटे हैं जगह जगह तेरे कलाओं के परचे।
लिखे हैं बस मैंने तेरे.तारीफों के कलाम ।
सलाम हुजूर तुझे मेरा सलाम ।
बसाया है तुझे रूह में सब से छुपा कर ।
तलाश थी तुझे हर डगर दीदार को ये आवाम।
सलाम हुजूर तुझे मेरा सलाम।।
lyrics by: मनीभाई नवरत्न