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जय माता दी विधा :- गीत

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जय माता दी  विधा :- गीत

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विंध्यवासिनी, पाप नाशनी जय जगदम्बे माँ |
हे जग जननी, सिंह वाहिनी , पार उतारो माँ |

घर-घर में दरबार सजा है, भक्त पुकारे माँ |
कौन हमारा सिवा तुम्हारे, तेरे सहारे माँ |
आकर हमको दर्शन दे दो, भाग संवारो माँ |
हे जगजननी, सिंहवाहिनी, पार उतारो माँ |

तेरे चरणों की भक्ति की कभी बुझे ना प्यास |
अपनी कृपा से जग जननी भरो नया विश्वास |
हम अज्ञानी बालक तेरे ज्ञान जगा दो माँ |
हे जग जननी, सिंह वाहिनी, पार उतारो माँ |

दुष्टों का संहार करो माँ, रखो सबकी लाज |
दीन-दुखी, निर्बल को माता शक्ति दे दो आज |
आस लगाकर बैठे हैं सब द्वार पधारो माँ |
हे जगजननी, सिंहवाहिनी, पार उतारो माँ ||

हरीश बिष्ट “शतदल”

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